कोरोना वायरस के संकट की परिस्थिति में भारत ने बाहरी देशों से आयात पर अपनी निर्भरता कम करने का निर्णय लिया है और आत्मनिर्भर भारत अभियान की शुरुआत भारत सरकार द्वारा की गयी है | आत्मनिर्भर भारत का प्रमुख आयाम देश में तेजी से मैन्युफैक्चरिंग गतिविधि को बढ़ाना है ताकि अपनी आयात जरूरतों को कम किया जा सके |
भारत में बड़े पैमाने पर मैन्युफैक्चरिंग केंद्र स्थापित करने में सबसे बड़ा रोड़ा देश में मैन्युफैक्चरिंग इकोसिस्टम की कमी है | भारत में मैन्युफैक्चरिंग हेतु आवश्यक हाई क्वालिटी पार्ट्स के सप्लायर की कमी है | मैन्युफैक्चरिंग क्षेत्र की इन्ही जरूरतों को पूरा करने के लिए B2B मैन्युफैक्चरिंग प्लेटफार्म ZETWERK की स्थापना दिसम्बर 2017 में आई आई टी के पूर्व छात्र अमृत आचार्या , श्रीनाथ रामकृष्णन , राहुल शर्मा और विशाल चौधरी ने की थी | ZETWERK अपने प्लेटफार्म के माध्यम से मैन्युफैक्चरिंग इकाईयों को कस्टम प्रोडक्ट उपलब्ध करवाता है | ZETWERK अपने प्लेटफार्म पर सप्लायर को जोड़ता है जो कस्टमर्स की आवश्यकता के अनुसार उच्च गुणवत्ता युक्त कस्टममेड प्रोडक्ट उपलब्ध करवा सकें |
ZETWERK एक बहुराष्ट्रीय स्टार्टअप है जो अपनी सेवाएं सम्पूर्ण भारत के अलावा उत्तरी अमेरिका , दक्षिण पूर्व एशिया में भी उपलब्ध करवाता है | ZETWERK के क्लाइंट में कई औधोगिक क्षेत्र जैसे आयल एंड गैस, स्टील, सीमेंट, एयरोस्पेस , इन्फ्रास्ट्रक्चर आदि शामिल हैं |
हाल ही में ZETWERK ने अपने सीरीज C फंडिंग राउंड में अपने पुराने निवेशक ग्रीनओक कैपिटल से 21 मिलियन डॉलर ( 160 करोड़ रूपए ) जुटाए हैं | इस फंडिंग राउंड में ACCEL KAE CAPITAL, Lightspeed और Sequoia India ने भी हिस्सा लिया है | इससे पूर्व भी दिसम्बर 2019 में सीरीज B राउंड की फंडिंग में ZETWERK ने 32 मिलियन डॉलर ग्रीनओक कैपिटल से प्राप्त किए थे | वर्तमान फंडिंग के बाद Zetwerk द्वारा प्राप्त कुल फंडिंग 62 मिलियन डॉलर हो गयी है |
सीरीज C फंडिंग राउंड के बाद कंपनी का उद्देश्य अपने अंतर्राष्ट्रीय नेटवर्क को बढ़ाना है | इसके साथ ही Zetwerk नए मैन्युफैक्चरिंग क्षेत्रों में भी सेवा प्रदान करेगी | इससे कंपनी को बड़े पैमाने पर भारत जैसे बढ़ते मैन्युफैक्चरिंग हब में अपने पैठ बनाने में मदद मिलेगी |