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तीन भाइयों की कहानी जिसने 84 हजार से बिजनेस शुरू कर खङा कीया 5 करोङ का सम्राज्य

आजकल सभी युवा सोचता है कि वह सरकारी नौकरी करें इसके लिए वह जी-जान से कोशिश करता रहता है लेकिन डिग्री तो होती है पर नौकरी जल्दी नहीं मिल पाती है। सफलता नहीं मिलने पर युवा हताश हो जाते हैं। लगता है कि सरकारी नौकरी ही जीवन है। ऐसे में हम उन तीन युवाओं से मिलाने जा रहे हैं, जिनका मूल मंत्र था मेहनत, मेहनत और मेहनत। इनकी सफलता आपको प्रेरणा देगी। आपको पता चलेगा कि मेहनत और लगन हो तो किसी भी क्षेत्र में सफलता हासिल की जा सकती है।


ये तीन भाई हैं शहर के बराटपुर के रहने वाले हैं।जिनका नाम मुकेश कुमार गुप्‍ता, राजेश कुमार गुप्‍ता और राकेश कुमार गुप्‍ता है। दादा प्रद्युम्‍न प्रसाद के व्यवसाय को आधुनिकता के दौर में संभालते हुए आगे बढ़ाया। तीनों भाइयों ने अपनी कठिन मेहनत से व्यवसाय का स्वरूप बदल दिया। आज इनके व्यवसाय से जिले के कोई भी व्यक्ति अनभिज्ञ नहीं हैं।

 

मुकेश के दादा ने किराना दुकान 1662 में खोला था

मुकेश गुप्‍ता ने बताया कि 1962 में हमारे दादा ने दुकान की नींव रखी थी। उस वक्त आकर्षण किराना के नाम से किराना जेनरल स्टोर था। कम उम्र में ही पिता ने दुकान संभाल ली। 1992 में इस दुकान का नाम बदलकर मनपसंद किराना रख लिया गया। जिले का यह चर्चित किराना स्टोर था। तीनों भाई बड़े हुए तो 2005 में व्यवसाय का बागडोर संभाला। इसके बाद 2005 में परिधान बिग शॉप नाम के कपड़े की दुकान खोली गई। इसके बाद 2009 में मनपसंद वस्त्रालय खोला गया। आज यह जिले का चर्चित और बड़ा प्रतिष्‍ठान है।

 

इन तीनो भाईयों ने खङा किया 8400 से पांच करोड़ रुपये तक का सफर

इन तीनों भाइयों ने किराना दुकान से लेकर मनपसंद वस्‍त्रालय तक के सफर में आप ही मेहनत किया जो कि काबिले तारीफ है आपको बता दें कि इन तीनों भाइयों ने मिलकर 8400 रुपये के व्यवसाय को पांच करोड़ तक पहुंचा दिया। उसके बाद मुकेश ने कहा कि दोनों दुकान के अलावा कुछ और कार्य से लगभग पांच करोड़ रुपये का व्यवसाय हो रहा है। उसके बाद उन्होंने कहा कि यह सब हमारे पिता और दादा जी के आशीर्वाद से ही हो पाया है। हमने तो बस उन लोगों के को आगे बढ़ाया है।

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