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एक ऐसे व्यक्ति की कहानी जो ऑस्ट्रेलिया से भारत लौट कर किया, 20 एकड़ में खेती कर बनाया करोङो का सम्राज्य

 

आजकल लोग अपने देश को छोड़कर कहीं अलग रहते हैं ,लेकिन उनके मन में कहीं न कहीं अपने देश को लेकर प्यार थोड़ा बहुत जरूर रहता है। आज हम आपको ऐसे ही एक व्यक्ति की कहानी बता रहे हैं जो ऑस्ट्रेलिया में रह कर भी अपने देश को नहीं भुलाया अपने देश के प्रति उनके मन में इतना प्यार था कि वह अपने देश में आकर रह गए। आज हम आपको बता रहे हैं कि कृषि स्टार्टअप सिंपली के संस्थापक सचिन डबरवार और उनकी पत्नी श्वेता डबवार की कुछ ऐसी कहानी जो बिजनेस के साथ-साथ के लिए भी जाने जाते हैं अपने देश के लिए भी शान हैं ।

 

आपको बता दें कि सचिन 20 साल से आस्ट्रेलिया में रहता था उसका जीवन काफी खुशनुमा था।
किन जब सचिन भारत वापस आया तो उन्होंने अपने मातृभूमि के सेवा करना सही समझा।ऑस्ट्रेलिया में रहने के दौरान, सचिन ने विकसित देशों में खेती की जाने वाली तकनीकों का अध्ययन किया। यह एक समय था जब हाइड्रोपोनिक्स और एरोपोनिक्स जैसी आधुनिक खेती की तरक़ीब विकसित हो रही थीं। हालांकि, बड़े पैमाने पर ऐसी तकनीकों का उपयोग आसान नहीं था।

सचिन को खेती करने के लिए कई सारे संयंत्रों का जरूरत हुआ जिसका उन्होंने के अधिकारी के लिए उपयोग किया ।सचिन ने संयंत्र की जरूरतों को समझने की अपनी तकनीकों पर शोध किया और मौजूदा हाइड्रोपोनिक्स प्रणाली को उसके अनुरूप विकसित करने की दिशा में कार्य शुरू कर दिए। उनकी तकनीक में एक तरफ पौधों की प्रत्येक प्रजाति की पोषण संबंधी आवश्यकताओं का सटीक अध्ययन और बड़े पैमाने पर खेत को ठीक से नियंत्रित करने के लिए आधारभूत संरचना को स्वचालित करना शामिल था। उनका प्रारंभिक शोध सफल रहा लेकिन फिर भी सन्तुष्ट जनक परिणाम प्राप्त नहीं हुए। सचिन के लिए वास्तविकता में अपनी तकनीकों का प्रयास करना जरूरी था। सचीन ने खेती का फैसला लिया और वह अपने देश में आकर खेती करना शुरू कर दिया ।

 

जानकारी के अनुसार बताया गया है कि साल 2013 में सचिन ने अपनी कंपनी सिंपली फ्रेश की शुरुआत 10 एकड़ के छोटे से खेत से कीया था। यह बिजनेस सचिन थे अपने पति के साथ मिलकर शुरू किया था। इन दोनों पति-पत्नी दिए पहले तकनीकी का उपयोग किया था जो शुरू में सफल था लेकिन व्यावसायिक स्तर पर एक समान परिणाम का निर्माण करना बेहद चुनौतीपूर्ण था। सचिन ने हाइड्रोपोनिक प्रणाली के तहत पौधों को उगाने की प्रक्रिया को स्वचालित करने के लिए दोनों पति-पत्नी ने खुब मेहनत किया। इन दोनों पति-पत्नी का मेरा दिमाग लाया कि उनका बिजनेस काफी चलने लगा ।

सचिन ने अनुभव किया कि वो अपने सभी अपने सभी साझेदारों के साथ मिलकर इस बिजनेस को एक नया रूप देगा। उन्होंने जल्द ही निजी इक्विटी निवेशकों तक पहुंचना शुरू कर दिया और अपने संचालन के अगले चरण के लिए धन जुटाया। और तब से लेकर आज तक सचिन ने कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा। सचिन 20 एकड़ भूमि में 500 टन उपज कर रहा है। इस कंपनी ने अपने उत्पादों को आधुनिक खुदरा और ऑनलाइन स्टोर में उपलब्ध कराने के लिए आपूर्ति श्रृंखला के एक नेटवर्क तैयार किया है। जिसके जरिए लोगों के घरो तक सामान पहुंचाया जाता है।

 

 

यह कंपनी देश विदेशी मे फूलों, सब्जियों और औषधीय पौधों का उत्पादन भी करती है। उनकी तकनीक के अंतर्गत एक मानव निर्मित पानी की टंकी पानी को स्टोर करती है जिसे पौधों को ठीक-ठाक पोषण प्रदान करने के साथ-साथ सही जरूरत के अनुसार सावधानीपूर्वक आपूर्ति की जाती है। कई अन्य आधुनिक खेतों के विपरीत, सिंपली फ्रेश के ग्रीनहाउस विद्युत संचालित एयरकंडीशनर या रासायनिक शीतलन तकनीक के तहत तापमान को बेहद आसानी से नियंत्रित किया जा सकता है।

आपको बता दें कि 2013 में इसे स्टार्टअप की शुरुआत हुई थी आज यह स्टार्टअप सिंपली फ्रेश भारत में प्रमुख कृषि स्टार्टअप में से एक है। सचीन को इसके लीऐ कई पुरस्कार जैसे सीएमओ बेस्ट ब्रांड ऑफ़ तेलंगाना 2020 अवार्ड से भी नवाजा गया था।

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