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लॉक डाउन के दौरान ऑनसाइट डीजल डिलीवरी प्लेटफॉर्म रेपोज एनर्जी के बिजनेस में आया उछाल

भारत में पेट्रोल एवं डीजल रिटेल वितरण मुख्य रूप से पेट्रोलियम कंपनीज द्वारा स्थापित डीलरशिप कम्पनी के माध्यम से होता है। भारत में पेट्रोल पंप विस्थापित करना और संचालित करने के लिए बहुत अधिक पूंजी की आवश्यकता होती है। इसके अलावा पेट्रोल पंप हेतु प्राइम लोकेशन में महंगी जमीन की भी आवश्यकता होती है,  जिससे पेट्रोल पंप स्थापित करने की लागत और बढ़ जाती है। इन सभी समस्याओं को देखते हुए भारत में मोबाइल पेट्रोल पंप कम्पनी रेपोज एनर्जी (Repos Energy)की स्थापना 3 वर्ष पहले पुणे में अदिति भोसले वालुंज और चेतन वालुंज ने मिलकर की  थी। इस स्टार्टअप का मुख्य उद्देश्य ईधन स्टेशनों में लम्बी कतारों में कटौती कर इस क्षेत्र में डिजिटल लेनदेन को बढ़ावा देना है| इसके लिए रेपोज एनर्जी ने कई पेट्रोल पंप के साथ करार किया है|

Repos Energy

रेपोज मोबाईल  एनर्जी के ऑनलाइन मोबाइल एप पर कस्टमर डीजल का ओर्डर करते हैं , जिसे रेपोज एनर्जी अपने मोबाइल फ्यूल डिलीवरी वाहन के द्वारा कस्टमर की लोकेशन पर पहुचाते हैं। अपने कस्टमर बेस के रूप में रेपोज एनर्जी मुख्य रूप से इंडस्ट्रीज , मॉल, मोबाइल टावर , होटल आदि की लोकेशन को फ्यूल उपलब्ध करवाती है। वर्तमान समय में कोरोना वायरस के लॉक डाउन के कारण जहां पेट्रोल पंप के बिजनेस में भारी कमी देखी जा रही है और वही अपने यूनिक बिजनेस मॉडल के कारण वेपोज एनर्जी के कस्टमर बिजनेस में 15 प्रतिशत की वृद्वि हो गई है।

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रेपोज एनर्जी का नेटवर्क भारत के 90 शहरों में फैला हुआ है जो कि अपने 300 मोबाइल पेट्रोल पंप के माध्यम से कस्टमर को सुविधायें प्रदान कर रहा है।

रेपोज एनर्जी  पुणे के सभी बडे अस्पतालों एवम पुणे म्यूनिसिपल कार्पोरेशन जैसे बड़े कस्टमर को अपनी सुविधायें प्रदान कर रहा है। रेपोज एनर्जी को रतन टाटा की तरफ से फंडिंग प्राप्त हुई है। हालांकि कंपनी ने प्राप्त फंडिंग के बारे में आधिकारिक रूप से खुलासा नही किया है।

 

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