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एमबीए की पढ़ाई छोड़ लगाया ,चाय का ठेला आज काम आ रहा है, करोड़ों रुपए

 

अक्सर हम देखते हैं कि जो लोग इन जिंदगी में सब कुछ चाहते हैं उन्हें मिलता नहीं है जो लोग जिस चीज की इच्छा रखते हैं वो कभी हासिल नहीं कर पाते हैं जिसके कारण हमेशा वो दुखी ही रहते हैं आजकल हर कोई चाहता है कि उसके पास अच्छी से अच्छी डिग्री हो जिसे वह अच्छा पैसा कमा सके नाम घर और फैमिली पा सके इसके लिए ना जाने क्या-क्या करते हैं।

आज हम आपको एक ऐसे लड़के के बारे में बता रहे हैं जिसका नाम प्रफूल बिलौरे, वो एमबीए करना चाहते था।लेकिन आज एमबीए छोड़ चाय बेच रहा हैं।

 

Humans Of Bombay के साथ उन्होंने अपनी जिंदगी की कहानी शेयर कीया। आपको बता दें कि CAT एग्जाम में फेल होने के बाद वो काफी टूट गया।
वो चाहते थे कि वो ब्रेक लें और दुनिया देखें। लेकिन आप तो जानते ही हैं मिडिल क्लास परिवारों की सबसे बड़े दिखते पैसा होता है जो उनके पास अपने आप मात्रा में नहीं रहता है जिससे वह अपने बच्चे को डॉक्टर इंजीनियर बना सके जिसके कारण उसके परिवार वालों ने प्रफुल्ल को यह सब नहीं करने दिया।


पढ़ाई छोड़ कर प्रफुल्ल करने लगा रेस्टोरेंट में काम

वो 20 साल का था जब वो इंटर्नशिप के दौरान ही अपनी सेविंग्स करने लगे। प्रफुल्ल ने बताया कि वो दौरान वो काफी घूमा भी। फिर वो अहमदाबाद आकर यही रहने का निर्णय कर लिया। वो पार्ट टाइम जॉब करने लगा। उनके पेरेंट्स चाहते थे कि वो एमबीए की डिग्री करें। इसी कारण उन्होंने एक कॉलेज में दाखिला ले लिया। लेकिन साथ-साथ वो पार्ट टाइम जॉब भी करतने लगा। उसने कहा कि ‘मैं पढ़ रहा था, काम कर रहा था।’

चाय की टपरी खोलने का आया आइडिया

जब वो किसी चायवाले से बात कर रहा था। तभी उन्हें चाय टपरी खोलने का आइडिया आया। उन्होंने बस पतीला, लाइटर और छलनी खरीदी और ठेला लगाना शुरू कर दिया। उसके बाद उसने कभी भी पीछे मुड़कर नहीं देखा।

 

जब से वह चाय बेचना शुरू किया तब से कभी भी पीछे मुड़कर नहीं देखा यहां तक कि एमबीए का एग्जाम भी नहीं दिया और बन गया एक चायवाला।

 

इस चाय की टपरी में वो लोगों को सिर्फ चाय नहीं देते थे। बल्कि लोगों से बातचीत भी करता था। उन्हें राजनीति और उनकी लाइफ से जुड़ी बातों पर बात करते थे। लोगों के बीच वो फेमस होते गए। लिहाजा, उन्हें एमबीए छोड़नी पड़ी और हमेशा के लिए वह एक चाय वाला बन गया।

अपने बलबूते पर लगाया चाय का ठेेेला

प्रफूल ने जो भी किया वो खुद के दम पर किया। ना फैमिली ने साथ दिया, ना दोस्तों ने। लेकिन प्रफूल ने खुद का साथ नहीं छोड़ा। वो कहते हैं कि उन्हें परिवारवाले कहते थे कि ये उनके लिए शर्म का काम है। दोस्त भी यही कहते थे, कहां यार एमबीए कर रहा था और कहां चायवाला बन गया। पर प्रफूल ने हार नहीं मानी।

सिंगल लोगों को देने लगा फ्री में चाय

 

प्रफूल का यह आईडिया लोगों के बीच में चर्चा का विषय बन गया। वो लोगों को एंटरटेन कर के लिए टपरी पर ही ओपन माइक करवाने लगे। यूथ ज्यादा एटरेक्ट हुआ। वेलेंटाइन डे पर उन्होंने सिंगल लोगों को तो फ्री में चाय दी। ये स्टोरी काफी वायरल हुई थी। वो शादियों में चाय की स्टॉल लगाने लगे। उन्होंने अपनी टपरी का नाम ‘MBA Chaiwala’ रखा।

डिग्री मैटर नहीं करती

आपको बता दें कि आज प्रफूल का ये आइडिया काफी फेमस हो गया है। लोग उनकी फ्रैंचाइजी लेने के लिए तैयार रहते हैं। वो कई कॉलेजेस में लैक्चर देकर आ चुके हैं। लोग उनके पास राय लेने के लिए आते हैं। वो कहते हैं, ‘डिग्री मैटर नहीं रखती, बल्कि नॉलेज मैटर रखती है, मैं चायवाला हूं मुझे उससे प्यार है जो मैं कर रहा हूं।’ चाय के बिजनेस को शुरू करने के 4 वर्षो भीतर उन्होंने 3 करोड़, रुपए कमाकर देशभर में तारीफें बटोर लिया

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